रेलवे कर्मचारियों के अवकाश के प्रकार | Type of Railway Emplyee Leave

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रेल ज्ञान की इस पोस्ट में रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले अवकाशो के बारे में जानेंगे। इनके बारे में सभी रेलवे कर्मचारियों को जानना चाहिए

Railway Departmental exams में रेलवे अवकाश के टॉपिक से प्रश्न जरूर पूछा जाता है इसलिए railgyan पर रेलवे नियमों से सम्बंधित जानकारी को पढ़ते रहे ।

रेलवे कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के अवकाश मिलते हैं जो निम्न प्रकार है:-

अवकाश नियम LEAVE RULE
रेल कर्मचारियों द्वारा अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न प्रकार के अवकाश लिये जा सकते है जो कि रेलवे कर्मचारी अवकाश नियम-1949 के अंतर्गत आते है।

अवकाश किसी भी कर्मचारी का अधिकार नहीं है इसें
प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है।

रेलवे कर्मचारियों को मिलने वाले अवकाश के प्रकार | Type of railway Leave

1. औसत अर्जित अवकाश
LEAVE ON AVERAGE PAY

स्थायी या अस्थायी रेलवे कर्मचारी (रेलवे स्कूल के अध्यापकों को छोडकर) एक कैलेण्डर वर्ष में 30 दिन की औसत वेतन की छुट्टी पाने के हकदार है। यह छुट्टी वर्ष में 02 किश्तों में कर्मचारी के खाते में जमा की जाती है। हर कैलेण्डर वर्ष में एक जनवरी को 15 और एक जुलाई को 15 अवकाश जमा होती है। पिछली छमाही तक जितनी छुट्टियों जमा होती है उनको भी अगली छमाही में ले जाया जाता है। दिनांक 01.07.1996 से कुल जमा छुट्टी अब 240 से बढ़कर 300 दिन हो गई है। जो रेल कर्मचारी नई नौकरी में आये हो, सेवामुक्त हो रहे हों, नौकरी से हटाये जायें या जिनकी मृत्यु हो जाये उनके लिए छुट्टी की गणना पूरे कलैण्डर मास में से 2-1/2 दिन के हिसाब से की जाती है। किसी कर्मचारी के खाते में 258 दिन से 300 दिन तक की छुट्टियां जमा होने के बाद अगली छमाही में 15 दिन की छुट्टियां अलग से जमा की जाती है। एक बार में अधिकतम 180 दिन तक की छुट्टी दी जा सकती है। पिछले 06 महीने में ली गई असाधारण छुट्टी या अकार्य दिनों का 1/10 भाग 15 दिन की अग्रिम छुट्टी से कम करके जमा किया जायेगा। यह कमी अधिकतम 15 दिन हो सकती है।

2. अर्द्ध वेतन अवकाश
LEAVE ON HALF AVERAGE PAY

एक वर्ष में 20 दिन की आधे वेतन की छुट्टी दी जाती है। इसे भी छुट्टी खाते में 1 जनवरी और 1 जुलाई को 10-10 दिन जमा किया जाता है। वर्ष मे हुई नियुक्ति या सेवा मुक्ति की सूरत में एक महीने में 5/3 दिन के हिसाब से गणना करके छुट्टी जोडी जाती है। यह एक बार में 24 मास तक ली जा सकती है। इसे निजी कार्य या
मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर लिया जा सकता है। सेवा का एक वर्ष पूरा करने के बाद वाले दिन छुट्टी पर होने पर भी ड्युटी पर वापिस आए बिना ही उपर्युक्त छुट्टी का हक बन जाता है। पिछले 06 महीने में ली गई असाधारण छुट्टी या अकार्य दिनों का 1/18 भाग 10 दिन की अग्रिम छुट्टी से कम करके जमा किया जायेगा। यह कमी अधिकतम 10 दिन हो सकती है।

3. विशेष अशक्तता अवकाश
SPECIAL DISABILITY LEAVE

यह अवकाश रेल कर्मचारी (स्थायी अथवा अस्थायी, राजपत्रित अथवा अराजपत्रित) को स्वीकृत की जा सकती है जो अपनी पदीय स्थिति के कारण शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं। यह छुट्टी प्राधिकृत मेडिकल आफिसर द्वारा प्रमाणित अवधि के लिये ही होगी परन्तु एक अशक्तता के लिये 24 माह तक सीमित रहेगी तथा इसे ड्युटी के रूप में गिना जायेगा। कर्मचारियों को इस अवकाश के प्रथम 120 दिनों तक अवकाश वेतन औसत अर्जित वेतन अवकाश के एवज में देय वेतन के बराबर होगा तथा शेष अवधि के लिये अर्द्ध औसत अर्जित वेतन अवकाश के बराबर
होगा
। इस अवकाश को किसी अन्य अवकाश के साथ मिलाया जा सकता है। यदि कर्मचारी श्रमिकों के हरजाने के कानून से संचालित है तो ऐसी दशा में इस नियम के अन्तर्गत देय अवकाश वेतन में से उसे भुगतान की गई पाक्षिक हरजाने की राशि को कम कर दिया जायेगा।

4. असाधारण अवकाश
EXTRA ORDINARY LEAVE

जब नियमों द्वारा अन्य अवकाश देय न हो अथवा अन्य प्रकार के अवकाश देय होने के बावजूद जब कर्मचारी असाधारण अवकाश की स्वीकृति के लिये लिखित रूप में अनुरोध करें तब सक्षम अधिकरी कर्मचारी को असाधारण अवकाश स्वीकृत कर सकता है। असाधारण अवकाश, अवकाश खाते में से काटा नहीं जाता है। असाधारण अवकाश के दौरान कोई अवकाश वेतन नहीं मिलता है। सक्षम प्राधिकारी, आकस्मिक अवकाश को छोड़कर जो उसे देय हो, अन्य अवकाश की निरन्तरता में अथवा उसके साथ आधारण अवकाश स्वीकृत कर सकता है अथवा बिना अवकाश अनुपस्थिति की अवधि को असाधारण अवकाश में परिवर्तित कर सकता है। अनुपस्थिति की अवधि को असाधारणअवकाश में बीती हुई अवधि से परिवर्तित की जा सकती है चाहे कर्मचारी ने आवेदन किया है अथवा
नहीं। स्थायी कर्मचारी के मामले में असाधारण अवकाश एक बार में 5 वर्षों तक के लिये स्वीकृत किया जा सकता है। पांच साल की इस सीमा में अन्य अवकाश भी, यदि कोई हों, सम्मलित हैं। अस्थायी कर्मचारियों को भी असाधारण अवकाश निम्नलिखित परिस्थितियों में स्वीकृत किया जा सकता है।
1. चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये बिना 3 माह तक
2. सामान्य अस्वस्थता के लिये चिकित्सा प्रमाण पत्र पर 6 महीनों तक
3. कैंसर, मानसिक बीमारी, क्षय रोग तथा कुष्ट रोग के लिये चिकित्सा प्रमाण पत्र पर 18 माह तक

5.अस्पताली छुट्टी
HOSPITAL LEAVE

यह अवकाश बीमारी अथवा चोटों के इलाज के लिये, राजपत्रित अधिकारियों के अलावा अन्य रेल कर्मचारियों को स्वीकृत किया जा सकता है, यदि ऐसी बीमारी अथवा चोट सरकारी कार्य के दौरान प्रत्यक्ष जोखिम भरे कार्यों के कारण हुई है। यह अवकाश प्राधिकृत मेडिकल आफिसर द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर दिया जायेगा। चिकित्सालयी अवकाश उस अवधि के लिये स्वीकृत किया जा सकता है जिसे स्वीकृति दाता अधिकारी अवकाश वेतन पर देना आवश्यक समझे। पहले 120 दिनों तक उस अवकाश वेतन के बराबर जो कर्मचारी को औसत अर्जित
अवकाश पर रहने पर मिलता तथा शेष अवधि के लिये अर्द्ध वेतन अवकाश के बराबर वेतन अवकाश पर। चिकित्सालयी अवकाश स्वीकृत करने की महाप्रबंधक की शक्तियाँ असीमित हैं। चिकित्सालयी छुट्टी को कर्मचारी के अवकाश खाते मेंसे काटा नहीं जायेगा तथा इसे किसी भी छुट्टी के साथ मिलाया जा सकता हैं जो स्वीकार्य हो, बशर्ते इस अवकाश की सम्पूर्ण अवधि, अन्य अवकाश को मिलाने के बाद 28 माह से उपर न होने पाये। ड्युटी पर घायल प्रशिक्षु भी चिकित्सालयी अवकाश के हकदार है।

6. अनर्जित छुट्टी
LEAVE NOT DUE

जब कर्मचारी के खाते में किसी प्रकार का कोई छुटी बाकी नहीं रहता है तो कर्मचारी के लिखित निवेदन करने पर और सक्षम प्राधिकारी को यह विश्वास हो जाए कि कर्मचारी भविष्य में यह छुट्टी अर्जित करेगा तो अनर्जित अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। यह छुट्टी पूरे सेवाकाल में डाक्टरी प्रमाण पत्र देने पर 360 दिन स्वीकृत किया जा सकता है। कर्मचारी के आधे वेतन की छुट्टी के खाते में भविष्य में वह जो छुट्टी अर्जित करेगा उसके
नामे लिखा जायेगा। यदि कर्मचारी काम पर लौट आये और उसके बाद इस्तीफा दे या सेवामुक्ति ले तो जितनी छुटी उसने अर्जित नहीं की उसके बराबर की छुट्टी वेतन की रकम उसे वापिस करनी होगी।

7.प्रसूति छुट्टी
MATERNITY LEAVE

एक महिला रेल कर्मचारी को (जिसमें एपेण्टिस भी शामिल है) सक्षम अधिकारी 180 दिन की प्रसूति अवकाश स्वीकृत कर सकता है। यह लाभ दो बच्चों तक ही दिया जाता है। इस छुट्टी के दौरान वेतन उस वेतन के बराबर होता है जो कमचारी को छुट्टी से पहले मिल रहा है। प्रसूति छुट्टी के साथ कोई दूसरी छुट्टी भी बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के दो साल की अवधि तक दिया जा सकता है। गर्भपात की अवस्था में छ: सप्ताह का प्रसूति अवकाश
छुट्टी के प्रार्थना पत्र के साथ डॉक्टरी प्रमाण पत्र पर स्वीकृत किया जा सकता है। अविवाहित महिला कर्मचारी को भी यह सुविधा दी जा सकती है। महिला केजुअल लेबर जिसे अस्थायी दर्जा मिल गया हो किसी भी तरह का गर्भपात, भले ही उसने खुद कराया हो, गर्भपात की सुविधाओं के लिए माना जाएगा।

8. बाल दत्तक ग्रहण छुट्टी CHILD ADOPTION LEAVE

नैसर्गिक माताओं को स्वीकार्य मातृत्व अवकाश के समान, दो से कम जीवित संतानों वाली रेलकर्मी बाल दत्तक ग्रहण करने वाली माताओं को एक वर्ष से आयु तक के शिशु को गोद लेने पर बाल दत्तक ग्रहण छुट्टी 180 दिनों तक स्वीकृत की जाती है।

9. पितृत्व अवकाश
PATERNITY LEAVE

पुरुष कर्मचारी (एप्रेण्टिस भी) जिसके दो से कम जीवित बच्चे हों, अपनी पत्नि की प्रसव की अवधि के दौरान अर्थात् बच्चे पैदा होने की तरीख से 15 दिन पहले अथवा 6 महीने की अवधि तक 15 दिन का पितृत्व अवकाश पा सकेंगे। यह उनके अवकाश खाता से नहीं काटा जा सकेगा और किसी दूसरी छुट्टी के साथ जोड़ा जा सकेगा। प्रसूति छुट्टी की तरह पितृत्व छुट्टी की मंजूरी भी केवल एक बार ही दी जाए। पुरूष कर्मचारी (एप्रेण्टिस भी)
जिसके दो से कम जीवित बच्चे हो एक वर्ष के आयु तक के शिशु को गोद लेने पर 15 दिन का पितृत्व अवकाश पा सकेंगे। यह छुट्टी दत्तक ग्रहण की तारीख के 6 महीने के भीतर ली जा सकेगी।

10. बच्चे की देखभाल के लिए छुट्टी CHILD CARE LEAVE

नाबालिग दो बच्चों की देखलाभ के लिए समुची सेवा के दौरान अधिकतक दो वर्ष (730 दिन) की छुट्टी दी जा सकती है। यह जरूरत उन्हें पालने के लिए या परीक्षा, बीमारी आदि के दौरान हो सकती है। 18 साल या अधिक के आयु के बच्चे के लिए यह छुट्टी नहीं मिलेगी। शारीरिक/मानसिक रूप से विकलांग किसी भी उम्र के बच्चे के लिए शिशु देख-भाल छुट्टी स्वीकृत की जा सकती है। यह अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता। पूर्व
स्वीकृति अनिवार्य होगी। साल में अधिकतम तीन बार एवं एक बार में कम से कम 5 दिन की शिशु देख-भाल छुट्टी स्वीकृत की जा सकती है।

11. आकस्मिक छुट्टी
CASUAL LEAVE

आकस्मिक छुट्टी एक ऐसी छुट्टी है जो कर्मचारियों को अचानक या अनजानी जरूरतों को पूरा करने के लए दी जाती है। इसे तकनीकी तौर पर छुट्टी नहीं माना जाता और सामान्य रूप से छुट्टियों पर लागू नियम इस पर नहीं लागू होते। यह छुट्टी सभी ग्रुपों (ए,बी,सी, डी) के कर्मचारियों को मिलती है। केन्द्र सरकार ने पांचवे वेतन आयोग की सिफारिशों पर यह निर्णय किया है कि आकस्मिक अवकाश 12 दिन से घटाकर 8 दिन कर दी जाये। यह
आदेश 1 जनवरी 1998 से लागू होंगे। जिन वर्गो के कर्मचारियों को 12 दिन से अधिक आकस्मिक अवकाश मिलता था उसमें भी तदनुसार कमी की जायगी। जिन्हें पहले 15 दिन का अवकाश मिलता था वे अब 10 दिन का अवकाश पायेगें। जिन्हें 17 दिन (1245) का अवकाश मिलता था वे अब 13 दिन (8+5) का अवकाश पायेंगे। सार्वजनिक अवकाश, शनिवार, रविवार की बंदी वाले दिन और साप्ताहित अवकाशों को यदि वे आकस्मिक अवकाश के दिनों में पडे अवकाश में नहीं गिना जाता। इन्हें अवकाश के पहले और बाद में भी जोड़ा जा सकता है।

12. विशेष आकस्मिक छुट्टी
SPECIAL CASUAL LEAVE

निम्नलिखित अवसरों के लिए विशेष आकस्मिक छुट्टी स्वीकृत की जाती है।

1. रेल कर्मचारी सहकारी समितियों के प्रशासन से सम्बन्धित कार्यो को देखने के लिए –
एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 15 दिन

2. परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत छोटे परिवार के मानदंडो को बढावा देने के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश –

(क). पुरूषों के लिए

ए. नसबंदी ऑपरेशनः-
06 दिन

बी. पत्नि का ट्युबेक्टोमी ऑपरेशन होने पर उसकी देखरेख के लिए:-
07 दिन

सी. कर्मचारी की पत्नि के चिकित्सकीय गर्भपात के बाद नलबंदी/डबवाहिनी उच्छेदन ऑपरेशन करवाने पर:-
07 दिन

ई. कर्मचारी की पत्नी का लेप्रोस्कोपित पद्धति के अन्तर्गत बंध्याकरण ऑपरेशन करने पर:-
07 दिन

(ख). विवाहित महिला कर्मचारी को विशेष आकस्मिक अवकाश

ए. नसबंदी ऑपरेशनः-
14 दिन

बी. आई.यू.डी लगवाने पर:-
01 दिन

सी. लोकोस्कोपिक पद्धति द्वारा बंध्याकरण:-
14 दिन

डी. पति का ऑपरेशन:-
01 दिन

(ग). अविवाहित रेल कर्मचारी को छुट्टी –

ए. अविवाहित रेल कर्मचारियों को पुनः नाल खोलने के लिए:-
21 दिन

(घ). दैनिक मजदूरी वाले नैमित्तिक श्रमिक (पुरुष तथा महिला श्रमिक दोनों) को विशेष आकस्मिक अवकाश –

ए. नसबंदी ऑपरेशन-पुरूष:- 6 दिन

बी. नसबंदी ऑपरेशन-महिला:- 14 दिन

सी. आई.यू.डी. लगवाना-महिला:- 01 दिन

3. खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए रेल कर्मचारियों को विशेष आकस्मिक अवकाश –

ए. राष्ट्रीय चैंपियनशिप-राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए आकस्मिक अवकाश दिया जाता है। इससे पहले जो प्रशिक्षण शिविर लगाया जाता है उसमें भाग लेने के लिए:-
30 दिन

बी. राष्ट्रीय महत्व के टूर्नामेण्ट में भाग लेने एवं इससे पूर्व प्रशिक्षण लेने के लिए कोचिंग समस्त अवधि शिविर में भाग लेने के लिए:-
समस्त अवधि

4. जिस पर्वतारोहण अभियान को भारतीय पर्वतारोहण संस्थान को अनुमोदन प्राप्त हो उसमें भाग लेने पर:-
30 दिन

5. ट्रैकिंग अभियान : यूथ होस्टल आफ इंडिया द्वारा आयोजित ट्रैकिंग अभियान अथवा भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के अनुमोदन प्राप्त अभियान में भाग लेने पर:-
30 दिन

6. ब्रिज टूर्नामेण्ट में लाग लेना :-
30 दिन

7. राष्ट्रीय शारीरिक क्षमता अभियान:-
01 दिन

8. स्काउटिंग ड्युटी
30 दिन

9. लोकसभा तथा राज्य विधान सभा के चुनाव में भाग लेने के लिए, यदि वे ऐसी जगह रहते हों जहां वोट डालने की तिथि अलग हो:-
01 दिन

10. नाटक, संगीत जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्तर मंडलीय तथा अन्तर रेलवे 30 दिन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए:-
30 दिन

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