पीआरएस ने बदल दी भारतीय रेल की टिकट बुकिंग प्रणाली
PRS यानि Passenger Reservation System भारतीय रेल की एक बेहद महत्वपूर्ण प्रणाली है। इसकी शुरुआत 2002 में हुई थी। इससे पहले यात्रियों को घंटों लंबी कतारों में लगकर मैनुअल तरीके से टिकट लेने पड़ते थे। पीआरएस (PRS) ने इस पूरी प्रक्रिया को बदलकर रख दिया है।
PRS FULL FORM IN RAILWAY
P | Passenger |
R | Reservation |
S | System |
PRS की शुरुआत से पहले की स्थिति:
- पहले यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर टिकट खिड़की पर लंबी-लंबी कतारों में घंटों इंतज़ार करना पड़ता था।
- स्टेशन पर भीड़ बहुत अधिक होती थी और टिकट मिलना मुश्किल होता था।
- टिकट न मिलने पर यात्रियों को रिजर्वेशन वेटिंग लिस्ट में नाम लिखवाना पड़ता था।
- यह एक बेहद मेहनती और समयभावी प्रक्रिया थी।
PRS के आने के बाद क्या बदला:
- अब यात्री घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। इससे स्टेशन पर भीड़ कम हुई है।
- चार्ट उपलब्धता से यात्री ट्रेनों की खाली सीटों के बारे में पहले से जान सकते हैं।
- अगर सीट नहीं मिलती है तो आसानी से वेटिंग लिस्ट में नाम डलवा सकते हैं।
- टिकट कन्फर्मेशन और कैंसिलेशन ऑनलाइन ही हो जाता है।
- रिफंड के लिए भी यात्रियों को स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है।
- ट्रेनों की लाइव रनिंग स्टेटस की जानकारी मिल जाती है।
PRS सिस्टम के लाभ:
- यात्रियों को अब घंटों लाइनों में नहीं लगना पड़ता।
- ऑनलाइन बुकिंग से समय की बचत होती है।
- टिकट उपलब्धता की स्पष्टता है।
- वेटिंग लिस्ट में नाम डलवाना आसान हो गया है।
- टिकट कन्फर्मेशन और कैंसिलेशन ऑनलाइन ही हो जाता है।
- रिफंड के लिए भी यात्रियों को स्टेशन नहीं जाना पड़ता।
- ट्रेन की रनिंग स्टेटस की जानकारी मिलती रहती है।
इस प्रकार पीआरएस ने भारतीय रेल की पुरानी टिकट बुकिंग व्यवस्था को बदलकर रख दिया है। अब यात्री बहुत ही आसानी से अपनी रेल यात्रा का नियोजन और बुकिंग कर सकते हैं।
पीआरएस यानि पैसेंजर रिज़र्वेशन सिस्टम ने भारतीय रेल के टिकट बुकिंग सिस्टम को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। यात्रियों को अब घंटों लंबी कतारों में खड़े रहकर मैनुअल तरीके से टिकट लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती। वे घर बैठे आराम से अपनी रेल यात्रा की योजना बना सकते हैं। पीआरएस ने रेलवे को डिजिटल और आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
F&Q
विंडो टिकट कन्फर्म नहीं होने पर क्या होता है?
अगर विंडो टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो उस टिकट की राशि वापस मिल जाती है। यात्री को पूरा रिफंड मिल जाता है।
क्या मैं 3ac में प्रतीक्षा सूची टिकट के साथ यात्रा कर सकता हूं?
नहीं, 3AC में प्रतीक्षा सूची टिकट के साथ यात्रा नहीं की जा सकती। 3AC में केवल कन्फर्म टिकट ही मान्य होता है।
काउंटर टिकट पर रिफंड कैसे मिलेगा?
काउंटर टिकट पर रिफंड के लिए टिकट और PNR नंबर के साथ किसी भी स्टेशन पर आरटीओ का दफ्तर जाकर आवेदन करना होगा।
आरएसी टिकट कितने नंबर तक कंफर्म हो सकता है?
आरएसी टिकट अधिकतम 6 नंबर तक कन्फर्म हो सकता है।
कितना वेटिंग टिकट कंफर्म हो सकता है?
आमतौर पर वेटिंग टिकट का कंफर्मेशन 10-15% तक संभव है।
कौन सा टिकट पहले कन्फर्म हो जाता है?
तत्काल टिकट सबसे पहले कन्फर्म हो जाता है, फिर टैटकाल टिकट और आखिर में वेटिंग टिकट।
वेटिंग टिकट कितने दिन पहले कन्फर्म होता है?
आम तौर पर वेटिंग टिकट यात्रा से 1-3 दिन पहले तक कन्फर्म हो जाता है।
क्या वेटिंग लिस्ट 20 कन्फर्म हो जाएगी?
वेटिंग लिस्ट 20 पूरी तरह से कन्फर्म होने की संभावना कम है। 10-15% टिकट ही कन्फर्म होंगे।