ICF full form in railway || भारतीय रेलवे में ‘ICF’ का मतलब

भारतीय रेलवे, जो हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक परिवहन सेवा है, विभिन्न प्रकार के रेल कोचों का उपयोग करती है। इनमें से एक प्रमुख कोच ‘ICF’ होता है, और इसका मतलब होता है ‘इंटीग्रल कोच फैक्टरी’। इस लेख में, हम जानेंगे कि ‘ICF’ का मतलब क्या होता है और भारतीय रेलवे में इसका क्या महत्व है।

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icf full form in railway

ICF full form – Integral Coach Factory

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ICF की स्थापना:
भारतीय रेलवे की ICF की स्थापना 1955 में हुई थी, और यह भारतीय रेलवे के स्वामित्व और संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ICF का मुख्य कार्यक्षेत्र रेल कोचों का निर्माण है, जिन्हें विभिन्न प्रकार की ट्रेनों के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह फैक्टरी रेलवे को आधुनिक, सुरक्षित, और आरामदायक कोच प्रदान करती है, जिससे यात्रीगण की यात्रा सुखद और सुरक्षित होती है।

‘ICF’ का मतलब होता है ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री‘। यह एक स्थान है जो भारतीय रेलवे के लिए कोच बनाता है। इसका मुख्यालय चेन्नई के पेरम्बूर में स्थित है। इस फैक्ट्री में विभिन्न प्रकार के कोच, जैसे कि स्लीपर, एसी, जनशताब्दी, और राजधानी कोच, बनाए जाते हैं जो भारतीय रेलवे के यात्रीगण के लिए आरामदायक और सुरक्षित होते हैं।

ICF क्या है?

‘ICF’ का मतलब होता है ‘इंटीग्रल कोच फैक्ट्री’। यह एक ऐसा संगठन है जो भारतीय रेलवे के लिए कोच बनाने का काम करता है। इसका मुख्यालय चेन्नई के पेरम्बूर में स्थित है। यह फैक्ट्री भारतीय रेलवे के लिए विभिन्न प्रकार के कोच, जैसे कि स्लीपर, एसी, जनशताब्दी, और राजधानी कोच, तैयार करती है।

ICF कब शुरू हुआ?

ICF की शुरुआत 1955 में हुई थी। इसके बाद, यह भारतीय रेलवे के यात्रीगण के लिए आरामदायक और सुरक्षित कोच बनाने में कामयाब रहा है।

आईसीएफ कोच की लंबाई कितनी होती है?

ICF के कोच उच्च गुणवत्ता वाले सीढ़ी बने होते हैं। इनकी बॉडी का निर्माण Corten Steel से होता है, जो इन्हें अधिक टिकाऊ और सुरक्षित बनाता है। इनकी लंबाई 22,297 मिमी, चौड़ाई 3,245 मिमी, और ऊँचाई 4,025 मिमी होती है।

ICF के महत्वपूर्ण फीचर्स:

ICF के कोच यात्रीगण के लिए सुखद और आरामदायक होते हैं। इनमें शीर्षक आकर्षक होते हैं और यात्रीगण को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय भी होते हैं।

ICF के महत्व:

ICF के कोच भारतीय रेलवे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग लाखों यात्रीगण द्वारा किया जाता है, और इन्हें उनकी यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

भारत में कितने आईसीएफ कोच हैं?

मार्च 2021 तक, भारत में कुल 33,000 से अधिक प्रमाणित कोच थे, जिनमें से एक आईसीएफ (ICF) क्रेडेंशियल के साथ थे। इन कोचों का विवरण निम्नलिखित था:

  1. 18,628 एसोसिएट प्रमाणित कोच (एसीसी): ये कोच एसोसिएट प्रमाणित होते हैं, और इसमें आईसीएफ क्रेडेंशियल शामिल होता है।
  2. 13,332 व्यावसायिक प्रमाणित कोच (पीसीसी): ये कोच व्यावसायिक प्रमाणित होते हैं और उनमें भी आईसीएफ क्रेडेंशियल होता है।
  3. 1,327 मास्टर प्रमाणित कोच (एमसीसी): इन कोचों के पास मास्टर प्रमाण होता है और उनमें भी आईसीएफ क्रेडेंशियल शामिल होता है।

इसके आलावा, भारत में अन्य प्रमाणित कोच भी हो सकते हैं, लेकिन उनमें आईसीएफ क्रेडेंशियल नहीं होता।

ICF और LHB कोच में अंतर:

  1. ब्रेकिंग सिस्टम:
    • ICF कोच: ICF कोच में एयर ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके कारण, जब इसकी ब्रेक लगती है, तो ट्रेन को काफी दूरी पर जाने में समय लगता है और विभिन्न चरणों में रुकती है।
    • LHB कोच: LHB कोच में डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके कारण, ये कोच बहुत ही कम दूरी पर रुक जाते हैं।
  2. सुरक्षा:
    • ICF कोच: ICF कोच का ब्रेकिंग सिस्टम तेजी से रुकने में समय लेता है, जिससे आपत्तिजनक स्थितियों में सुरक्षा पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।
    • LHB कोच: LHB कोच में डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है, जो तेजी से रुकने में मदद करता है, जिससे यात्रीगण की सुरक्षा बेहद बढ़ जाती है।
  3. यात्रा की सुविधा:
    • ICF कोच: ICF कोच अक्सर यात्रीगण के लिए कम आरामदायक होते हैं, और इनमें सुप्त गाड़ियाँ और आरामदायक सीटें कम होती हैं।
    • LHB कोच: LHB कोच यात्रीगण के लिए अधिक आरामदायक होते हैं, और इनमें बेहतरीन सीटें, प्राथमिकता के आधार पर खानपान सेवाएँ, और सुविधाएँ होती हैं।

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