भारतीय रेलवे एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हर दिन हजारों लोगों को अपने गंभीर यात्राओं में लेकर जाता है। यहां तक कि ट्रेनों के कोचों में चलने वाली पंखे, बिजली, और एसी के लिए विद्युति की जरूरत होती है। आपने कभी सोचा है कि ट्रेन के कोचों में यह बिजली कहां से आती है? आइए जानते हैं कि भारतीय रेलवे कैसे अलग-अलग विद्युत उत्पादन स्कीमों का उपयोग करके ट्रेनों को ऊर्जा प्रदान करता है, खासकर ‘ईओजी’ प्रणाली के माध्यम से।
EOG क्या है? (What is EOG in railway?):
EOG का मतलब होता है “एंड ऑन जनरेशन” (End On Generation)। यह एक प्रणाली है जिसका उपयोग ट्रेनों में बिजली प्रदान करने के लिए किया जाता है। भारतीय रेलवे में, इस प्रणाली का उपयोग खासकर राजधानी और शताब्दी गाड़ियों में किया जाता है, जहां पंखे, प्रकाश, एसी, और अन्य आवश्यकताओं के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। EOG प्रणाली में ट्रेन के डिब्बों में बिजली का भार (जिसे ‘होटल लोड’ कहा जाता है) दोनों ट्रेन के दो सिरों पर लगाई गई पावर कारों से प्राप्त होता है।
EOG Full Form in English: The full form of EOG in English is “End On Generation.”
E | End |
O | On |
G | Generation |
EOG Full Form in Hindi: EOG का हिंदी में पूरा नाम “एंड ऑन जनरेशन” होता है।
ई | एंड |
ओ | ऑन |
जी | जनरेशन |
ट्रेन में ईओजी कहां होती है? (Where is EOG located in trains?):
EOG प्रणाली का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है, और यह ट्रेन के डिब्बों में स्थित होता है। ट्रेन के दोनों सिरों पर ईओजी कोच (EOG Coach) लगाए जाते हैं, जिससे विद्युत उत्पादन होता है और ट्रेन के सभी कोचों में बिजली प्रदान की जा सकती है। इस प्रणाली का उपयोग विशेष रूप से वातानुकूलित ट्रेनों में किया जाता है, जहां बिजली की अधिक आवश्यकता होती है।
EOG: End On Generation की जरूरत क्यों और यह क्या काम करता है? (Why and how does EOG: End On Generation work?):
EOG प्रणाली में, ट्रेन के डिब्बों में विद्युत भार (रोशनी, पंखे, एसी, पैंट्री, आदि) को ट्रेन के दो सिरों पर लगे पावर कारों से प्राप्त किया जाता है। प्रत्येक पावर कार में 750 वोल्ट 50 हर्ट्ज की 3-फेज (4 तार) बिजली की आपूर्ति होती है, जिसे ट्रेन के पूरी लम्बाई में दो समानांतर केबल फीडरों के माध्यम से प्रेषित किया जाता है। इस बिजली को कोचों में 50 kVA ट्रांसफार्मर (ICF कोचों) और 60 kVA ट्रांसफार्मर (LHB कोचों) के माध्यम से प्रत्येक कोच में पहुँचाया जाता है। इसे उच्चतम 415 वोल्ट में काम करने वाले उपकरणों को चलाने के लिए इस वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है, और 110 वोल्ट में काम करने वाले उपकरणों के लिए वोल्टेज को कम किया जाता है, फिर से 110 वोल्ट ए.सी. सिंगल फेज में बदल दिया जाता है। इस तरह, EOG प्रणाली ट्रेनों को बिजली प्रदान करने के लिए काम करती है और इसे ‘एंड ऑन जनरेशन’ के रूप में जाना जाता है।
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निष्कर्ष:
भारतीय रेलवे के ईओजी प्रणाली ने ट्रेनों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रणाली की खोज की है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि ट्रेनों में पंखे, प्रकाश, एसी, और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, और यात्री अपनी यात्रा को आरामदायक तरीके से कर सकते हैं। EOG प्रणाली के माध्यम से ट्रेनों को बिजली प्रदान करने का यह सिस्टम स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त होता है, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित और सुखद होती है।